विशेष सूचना -Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं।अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं।"अखिल भारतीय आर्यसमाज विवाह सेवा" (All India Arya Samaj Marriage Helpline) अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है।भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है।Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall. For More information contact us at - 09302101186
Vedic Vivah Poojan Vidhi
कर्म सिद्धान्त के अनुसार कोई भी दुःख पापाचरण का ही फल है। यद्यपि हमें ऐसा लगता है कि हमें दूसरे दुःख दे रह है किन्तु कर्म सिद्धान्त के अनुसार हमारे दुःख - सुख का कारण हमारा स्वयं का ही आचरण है।
आर्यसमाज विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी
आर्य समाज विवाह -आर्य समाज में जो विवाह होते हैं वे सभी हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत होते हैं। आर्य समाज विवाह करने हेतु समस्त जानकारियां फोन द्वारा प्राप्त की जा सकती है।विवाह सम्बन्धी जानकारी या पूछताछ के लिए आप मोबाइल- 9302101186पर(समय - प्रातः 10 से सायं 8 बजे तक) श्री देव शास्त्री से निसंकोच बात कर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैंतथा आपको जिस दिन विवाह करना हो उस मनचाहे दिन की बुकिंग आप फोन पर करा सकते हैं।
फोन द्वारा बुकिंग करने के लिए वर-वधू का नाम पता और विवाह की निर्धारित तिथि बताना आवश्यक होगा अथवा आप हमारे ईमेल पर ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं। आर्य समाज द्वारा विवाहों की पंजिका रखी जाती है। विवाह के पूर्व यह भी जानकारी प्राप्त कर ली जाती हैं कि दोनों पक्ष विवाह के योग्य हैं या नहीं और विवाह दोनों की पूर्ण सहमति से हो रहा है अथवा नहीं। इस कारण से आर्यसमाज में संपन्न विवाह पूरी तरह से वैध है।
1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।
3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।
4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं।
5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।
6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए ।
युगलों की सुरक्षा - प्रेमी युगलों की सुरक्षा एवं गोपनीयता की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रेमी युगलों की सुरक्षा सम्बन्धी दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अनुक्रम में हमारे द्वारा विवाह के पूर्व या पश्चात वर एवं वधू की गोपनीयता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विवाह से सम्बन्धित कोई भी काग़जात, सूचना या जानकारी वर अथवा वधू के घर या उनके माता-पिता को नहीं भेजी जाती है, जिससे विवाह करने वाले युगलों की पहचान को गोपनीय बनाये रखा जा सके, ताकि उनके जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो सके।
आर्यसमाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा वैवाहिक जोड़ों की कानूनी सुरक्षा (Legal Sefety) एवं पुलिस संरक्षण (Police Protection) हेतु नियमित मार्गदर्शन (Legal Advice) दिया जाता है।
विशेष सूचना -Arya Samaj, Arya Samaj Mandir, Arya Samaj Marriage, Court Marriage तथा Head Office और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो। सावधान करने के बाद भी जाने-अनजाने में यदि आप गलत जगह फंसते हैं, तो अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
अखिल भारतीय आर्यसमाज विवाह सेवा और Arya Samaj Marriage Helpline "अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट" द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है।आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बडे भवन, हॉल या चमकदार ऑफिस को देखकर गुमराह और भ्रमित ना हों।
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें- (समय - प्रातः 10 से सायं 8 बजे तक)
राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट आर्य समाज मन्दिर, दिव्ययुग परिसर बैंक कॉलोनी, अन्नपूर्णा रोड़ इन्दौर (म.प्र.) 452009 फोन : 0731-2489383, 9300441615 www.aryasamajindore.com
क्षेत्रीय कार्यालय (भोपाल) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट भोपाल शाखा दीनदयाल कन्या महाविद्यालय के सामने रेलवे स्टेशन के पास, बैरागढ़ भोपाल (मध्य प्रदेश) 462030 हेल्पलाइन : 8989738486 www.bhopalaryasamaj.com
क्षेत्रीय कार्यालय (चान्द - छिन्दवाड़ा) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट छिन्दवाड़ा शाखा वार्ड न. 7, नगर परिषद के पास, चान्द जिला- छिन्दवाड़ा (मध्य प्रदेश) हेल्पलाइन : 9300441615, 9009662310 www.aryasamajchhindwara.com
क्षेत्रीय कार्यालय (जबलपुर) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट जबलपुर शाखा TFF-8, समदड़िया काम्प्लेक्स नं.-1 चेरीताल, दमोह नाका के पास जबलपुर (म.प्र.) 482002 हेल्पलाइन : 9300441615 www.aryasamajjabalpur.com
क्षेत्रीय कार्यालय (ग्वालियर संभाग) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट ग्वालियर शाखा महावीर पुरा, डबरा जिला- ग्वालियर (म.प्र.) हेल्पलाइन : 8120018052 www.aryasamajgwalior.com
क्षेत्रीय कार्यालय (रायपुर) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट रायपुर शाखा वण्डरलैण्ड वाटरपार्क के सामने, DW-4, इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी होण्डा शोरूम के पास, रिंग रोड नं.-1 रायपुर (छत्तीसगढ़) हेल्पलाइन : 9109372521 www.aryasamajraipur.com
क्षेत्रीय कार्यालय (बिलासपुर) आर्य समाज संस्कार केन्द्र अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट बिलासपुर शाखा अग्रसेन चौक, सुपर मार्केट बिलासपुर (छत्तीसगढ़) 495001 हेल्पलाइन : 8120018052, 8989738486 www.aryasamajbilaspur.com
क्षेत्रीय सहायता जोधपुर (राजस्थान) आर्य समाज संस्कार केन्द्र हेल्पलाइन : 8120018052, 8989738486 www.aryasamajjodhpur.com
According to the theory of Karma, any misery is the result of sinful conduct. Although we feel that others are giving us sorrow, but according to the Karma principle, the cause of our sorrow and happiness is our own conduct. Vedic Vivah Poojan Vidhi | Arya Samaj | Arya Samaj Marriage | Arya Samaj Marriage Helpline | Arya Samaj Marriage Booking | Arya Samaj Marriage Ceremony | Arya Samaj Marriage Conductor | Inter Caste Marriage Promotion | Official Website of Arya Samaj | Arya Samaj Legal Marriage Service. मनुष्य अपने दुःख की जिम्मेदारी दूसरों पर न डाले। स्वयं अपने दायित्व को महसूस करे। इससे इसके आचरण में निरन्तर सुधार आता है किन्तु यदि वह अपने सुख-दुःख के दायित्व दूसरों पर डाल देता है तो वह स्वयं कभी नहीं सुधर पाता। One should not put the responsibility of his misery on others. Feel your own responsibility. This leads to continuous improvement in his behavior, but if he puts the responsibility of his happiness and unhappiness on others, then he himself can never improve. Arya Samaj Marriage Registration | Arya Samaj Vivah Vidhi | Arya Samaj Mandir Raipur - Chhindwara - Jabalpur - Bhopal - Indore | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability | Pandits for Marriage | Arya Samaj Legal Wedding | Arya Samaj Marriage Rituals | Arya Samaj Wedding | Legal Marriage | Pandits for Pooja | Arya Samaj Mandir | Arya Samaj Marriage Rules | Arya Samaj Wedding Ceremony | Legal Marriage Help | Procedure of Arya Samaj Marriage | Arya Samaj Mandir Helpline | Arya Samaj Online
महर्षि दयानन्द की अन्तिम इच्छा
महर्षि दयानन्द जी ने उदयपुर में अपनी अन्तिम इच्छा लेखबद्ध की थी। उसमें लिखा है कि वेदोक्त धर्मोपदेश और शिक्षा मण्डली नियत करके देश देशान्तर और द्वीपान्तर में भेजकर सत्य के ग्रहण और असत्य का त्याग करने में व्यय करना। ऋषि दयानन्द ने देश शब्द से भारतवर्ष और देशान्तर शब्द से अन्य प्रदेश, इसी प्रकार द्वीप...