प्रकृति के रंग
प्रकृति ने विविध रंग केवल हमारे आस-पास ही नहीं बिखेरे हैं, बल्कि हमारे शरीर के अंग-अवयवों में, खाद्य पदार्थों में, वृक्ष-वनस्पतियों, फूलों व फलों आदि में भी उसने अपने रंगों की छटा बिखेरी है। समुद्र के गर्भ में छिपे कीमती हीरे-जवाहरात भी विविध रंगो की आभा लिए होते हैं। इसके अतिरिक्त धरती के गर्भ में समायी हुई विभिन्न धातुओं की खदानें, कीमती पत्थर आदि भी रंगों की विविधता लिए हुए हैं। इस धरती पर रहने वाले विविध प्राणियों के रंग भी कई तरह हैं और इसीलिए कई रंग एक ही प्राणी में भी देखने को मिल जाते हैं। इस तरह मनमोहक रंगों की खूबसूरत छटा इस प्रकृति में छायी हुई है।
Nature has not only scattered various colors around us, but it has also spread its colors in the parts of our body, in food items, in trees and plants, flowers and fruits etc. The precious diamonds and jewels hidden in the womb of the ocean also have aura of different colors. Apart from this, the quarries of various metals, precious stones, etc., contained in the womb of the earth, are also carrying a variety of colors. The colors of different creatures living on this earth are also different and that is why many colors are seen in the same creature. In this way, a beautiful shade of lovely colors is covered in this nature.
वेद मन्त्र द्रष्टा ऋषि महर्षि दयानन्द के जीवन चरित्र से ज्ञात होता है कि उन्होंने चारों वेदों के प्रत्येक मन्त्र को जाना व समझा था तभी वह वेदों पर अनेक घोषणायें कर सके थे। इनमें चारों वेदों में मूर्तिपूजा का विधान कहीं नहीं है, ऐसी घोषणा भी सम्मिलित है। उनकी इस चुनौती को देश भर के बड़े से बड़े किसी पण्डित ने स्वीकार नहीं किया...
पाश्चात्य देशों की सोच की नकल करते-करते आज की युवा पीढी मर्यादाहीन हो रही है। विदेश में बहुचर्चित Live in Relationship नाम का कीड़ा, बिना किसी रोक-टोक के हमारे देश में पैर पसारने में कामयाब हो गया है। वर्तमान युवा पीढी दाम्पत्य जीवन में बंधने से पहले अपने जीवनसाथी को परखने के लिए Live in...