आत्मा का अस्तित्व
मृत्यु के बाद भी जीवन का अस्तित्व बना रहता है। स्थूलकाया के विनिष्ठ हो जाने के पश्चाताप भी मृतात्मा सूक्ष्मशरीर का आश्रय लेकर अपने अस्तित्व का परिचय यदा-कदा देती रहती है। 'लाइफ बियॉन्ड डेथ, ग्रेट मिस्ट्रीज ऑफ ऑफ्टर लाइफ' जैसी अनुसंधानपूर्ण पुस्तकों में इस संदर्भ में प्रमाणसहित अनेक उदहारण प्रस्तुत किए गए हैं। शरीर आत्माओं का अस्तित्व और उनके द्वारा मनुष्यों को सहयोग प्रदान करना एक उल्लेखनीय तथ्य है। साधारणतया उच्चस्तरीय महान आत्माएँ मरणोपरांत भी मनुष्य की सहायता करती देखी एवं सुनी जाती हैं। अपनी उदार प्रवृत्ति के कारण दूसरों को आगे बढ़ने और खतरों से बचने के लिए ऐसी आत्माएँ कतिपय घटनाओं का पूर्व संकेत भी प्रदान करती हैं।
Life continues even after death. Even after repenting of the gross body becoming submissive, the dead soul occasionally gives the introduction of its existence by taking shelter of the subtle body. In research books like 'Life Beyond Death, Great Mysteries of After Life', many examples have been presented in this context with evidence. The existence of bodies and souls and the cooperation they provide to human beings is a remarkable fact. Generally high level great souls are seen and heard helping man even after death. Due to their generous nature, such spirits also provide a precursor to certain events in order to advance others and avoid dangers.
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वेद मन्त्र द्रष्टा ऋषि महर्षि दयानन्द के जीवन चरित्र से ज्ञात होता है कि उन्होंने चारों वेदों के प्रत्येक मन्त्र को जाना व समझा था तभी वह वेदों पर अनेक घोषणायें कर सके थे। इनमें चारों वेदों में मूर्तिपूजा का विधान कहीं नहीं है, ऐसी घोषणा भी सम्मिलित है। उनकी इस चुनौती को देश भर के बड़े से बड़े किसी पण्डित ने स्वीकार नहीं किया...
पाश्चात्य देशों की सोच की नकल करते-करते आज की युवा पीढी मर्यादाहीन हो रही है। विदेश में बहुचर्चित Live in Relationship नाम का कीड़ा, बिना किसी रोक-टोक के हमारे देश में पैर पसारने में कामयाब हो गया है। वर्तमान युवा पीढी दाम्पत्य जीवन में बंधने से पहले अपने जीवनसाथी को परखने के लिए Live in...