परिवार
परिवार सुख-शांति के आश्रय-स्थल होने चाहिए। बाहर से थका-हारा, तनावग्रस्त और चिंतित व्यग्र हुआ व्यक्ति घर में आए तो वहाँ का वातावरण ऐसा होना चाहिए कि उसे अपनी थकान और तनाव से मुक्ति मिले। परंतु होता क्या है ? कोई व्यक्ति बाहर से थका-हारा घर में आता है तो उस पर चिंता और तनाव का एक नया कारण पहले से ही उपस्थित रहता है। अधिकांश परिवारों में ऐसा वातावरण रहता है, इसलिए बहुत से लोग अपनी थकान मिटाने के लिए कहीं बाहर ही समय व्यतीत करने लगते हैं। परिवार अपने इस प्रयोजन की पूर्ति में असफल हो रहे हैं, इसीलिए उनका महत्व घट रहा है और उनकी उपयोगिता भी एक प्रकार से नष्ट होती जा रही है।
The family should be a haven of happiness and peace. If a person who is tired, stressed and anxious from outside comes home, then the atmosphere there should be such that he gets relief from his tiredness and tension. But what happens? If a person comes home tired from outside, then a new reason for worry and tension is already present on him. This is the environment in most of the families, so many people start spending time outside to relieve their tiredness. Families are failing to fulfill their purpose, that is why their importance is decreasing and their utility is also getting destroyed in a way.
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वेद मन्त्र द्रष्टा ऋषि महर्षि दयानन्द के जीवन चरित्र से ज्ञात होता है कि उन्होंने चारों वेदों के प्रत्येक मन्त्र को जाना व समझा था तभी वह वेदों पर अनेक घोषणायें कर सके थे। इनमें चारों वेदों में मूर्तिपूजा का विधान कहीं नहीं है, ऐसी घोषणा भी सम्मिलित है। उनकी इस चुनौती को देश भर के बड़े से बड़े किसी पण्डित ने स्वीकार नहीं किया...
पाश्चात्य देशों की सोच की नकल करते-करते आज की युवा पीढी मर्यादाहीन हो रही है। विदेश में बहुचर्चित Live in Relationship नाम का कीड़ा, बिना किसी रोक-टोक के हमारे देश में पैर पसारने में कामयाब हो गया है। वर्तमान युवा पीढी दाम्पत्य जीवन में बंधने से पहले अपने जीवनसाथी को परखने के लिए Live in...